Pawan Chauhan
Tuesday, January 29, 2013
मजबूर मोहब्बत जता न सके,
ज़ख्म खाते रहे किसी को बता न सके..
चाहतों की हद तक चाहा उसे.
सिर्फ अपना दिल निकाल कर उसे दिखा न सके....|
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment