Friday, January 6, 2012

मुस्कान (Pawan Chauhan)







तेरी एक मधम
मुस्कान देखने को
तरस गयी मेरी आखें

आब तो बोल दे दो
... लफ्ज़ मोहब्बत के
तरस गयी है मेरी आखें

दिखाया बहुत दुनिया ने
देखती है सब तरसती आखें

तुझसे प्यार के दो
लफ्ज़ सुनने को
तरस गई है मेरी आखें

मचलती थी दीवानगी मैं तेरी
सिर्फ़ तेरे लिए तरसती
हैं ये आखें

इश्क़ के जुनून से भारी थी
तेरे ऐतबार को तरस
गाये मेरी आखें

सुना दे आपने नैनों से
तेरी नैनों के झलक को
तरस गाये मेरी आखें

पीला दे दो घुट जाम के
तेरी नशे को तरस
गयी ये आखें

डूबी रहे थी
ख़यालो मैं तेरे
तेरे खुवाबो को
तरस गाये ये आखें

आजा आज कहे दे तू
दिल से कुछ
तेरे भहों में झूमने को
तरस गयी ये आखें
 

Pawan Chauhan
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